बरमकेला।
यूरिया खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों के सब्र का बांध आज टूट गया। बरमकेला कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर कार्यकर्ता और किसान सुबह से ही सुभाष चौक पर एकजुट हुए और सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ ज़ोरदार नारेबाज़ी शुरू कर दी। देखते ही देखते आंदोलन ने चक्का जाम का रूप ले लिया और बरमकेला का मुख्य बाजार से लेकर आसपास के मार्गों पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया।प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बरमकेला ब्लॉक में पिछले कई दिनों से यूरिया खाद की गंभीर कमी बनी हुई है। किसान बुवाई के सीज़न में बार-बार सहकारी समितियों और गोदामों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। इससे खरीफ फसल की समय पर रोपाई और देखरेख प्रभावित हो रही है।स्थिति को देखते हुए बरमकेला पुलिस के साथ-साथ अन्य थानों से भी अतिरिक्त बल बुलाया गया। अधिकारी मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। बरमकेला थाना प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मी चक्का जाम स्थल पर तैनात हैं और लगातार स्थिति पर नज़र रख रहे हैं।कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि तुरंत खाद वितरण की व्यवस्था नहीं की गई तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा। उनका आरोप है कि सरकार किसानों के साथ वादाखिलाफी कर रही है और खाद आपूर्ति में भारी लापरवाही बरत रही है। इस बीच, चक्का जाम से नगर का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर रोज़मर्रा के यात्रियों तक को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाजारों में सन्नाटा पसरा है फिलहाल चक्का जाम जारी है, और प्रशासन की कोशिशों के बावजूद आंदोलनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। माहौल तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है, और सभी की नज़रें अब प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं।