सारंगढ़-बिलाईगढ़।
“खाता तो है, पर पैसा नहीं… और खेत सूना पड़ा है!”
ये दर्द अब हर किसान की जुबान पर है बरमकेला में। खरीफ का वक्त सिर पर है, लेकिन अपैक्स बैंक की NEFT ट्रांसफर में हो रही देरी ने किसानों को आर्थिक संकट में डाल दिया है। और अब भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने इस मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल दिया है भाजयुमो लेंध्रा के अध्यक्ष संजय कुमार चौधरी ने चेताया है कि – “किसानों की मेहनत और उम्मीद बैंक के सिस्टम में अटक गई है। ये धैर्य की परीक्षा अब ज़्यादा दिन नहीं चलेगी। अगर जल्द ट्रांसफर शुरू नहीं हुआ तो आंदोलन तय है।”
बैंक सिस्टम फेल – और किसान बेहाल दरअसल, राज्य सरकार की योजनाओं के तहत किसानों को DMR खातों में ऋण, अनुदान व समर्थन मूल्य की राशि दी जाती है, जिसे NEFT के जरिए चालू खातों में ट्रांसफर किया जाता है। ताकि समय रहते वे बीज, खाद और अन्य जरूरतें पूरी कर सकें। लेकिन बरमकेला की अपैक्स शाखा में ये ट्रांसफर व्यवस्था लगभग ठप हो चुकी है।
नतीजा –
किसान या तो महंगे ब्याज पर उधार ले रहे हैं या फिर खेती ही रोक देने की सोच रहे हैं।
भाजयुमो की ललकार – अब चुप नहीं बैठेंगे!
ज्ञापन सौंपने पहुंचे भाजयुमो नेताओं ने सवाल उठाया – “जब दूसरे जिलों और शाखाओं में NEFT ट्रांसफर हो रहा है, तो सिर्फ बरमकेला में क्यों अड़चन?”
मांगें हैं सीधी और साफ –
- DMR खातों की राशि तुरंत ट्रांसफर की जाए।
- NEFT की तकनीकी रुकावटों को स्थायी तौर पर खत्म किया जाए।
- बैंक शाखा की कार्यप्रणाली पर उच्चस्तरीय जांच हो।
खेतों में किसान – जेब में उधारी
खरीफ सीजन के लिए किसान जमीन जोत चुके हैं। लेकिन खाते खाली हैं। केसीसी की राशि अब तक नहीं पहुंची। ऐसे में किसान अब साहूकारों और बाजार से कर्ज लेकर बीज-खाद खरीदने को मजबूर हैं। “सरकारी योजना है, पर सहारा बाजार से लेना पड़ रहा है”,किसानों की इस पीड़ा को कई भाजपा नेताओं ने भी साझा किया।
कई जनप्रतिनिधियों ने दी समर्थन की हुंकार
ज्ञापन सौंपने पहुंचे जनपद अध्यक्ष डॉ. विद्या किशोर चौहान,
बरमकेला मंडल अध्यक्ष मनोहर पटेल, लेन्ध्रा मंडल अध्यक्ष शारदा मालाकार,महिला बाल विकास सभापति गणेशी चौहान,जिला पंचायत सदस्य सहोद्रा सिदार, कैलाश नायक पूर्व जिला पंचायत सदस्य,जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि ओमप्रकाश चौहान और
भाजपा जिला उपाध्यक्ष पुनीत राम चौहान जिला महामंत्री रामकृष्ण नायक, मंडल महामंत्री दयाराम चौधरी ने चेताया – “अगर जल्द सुधार नहीं हुआ, तो हम खुद किसानों के साथ खड़े होकर आंदोलन करेंगे।”
अब गेंद बैंक प्रशासन के पाले में है
किसान इंतजार कर रहे हैं… खेत की हरियाली के लिए, समय पर पैसा मिलने के लिए। लेकिन अगर इस बार देरी हुई, तो सिर्फ बीज नहीं सूखेगा – किसानों का भरोसा भी टूट जाएगा।