रायपुर / छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2024 25 के तहत समर्थन मूल्य पर खरीदे गए अतिशेष धान का शत-प्रतिशत निराकरण करना राज्य शासन के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण बनता जा रहा है. इसे देखते हुए अतिशेष धान का तेजी से निराकरण करने के लिए राइस मिलर्स को मिलिंग कार्य के लिए राशि भुगतान के बदले अतिशेष धान प्रदाय करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इसमें यह शतं भी रखी जा रही है कि मिलर्स जितनी मात्रा में अतिशेष धान खरीदेंगे, उतनी ही मात्रा में उन्हें मिलिंग कार्य के बदले धान दिया जाएगा. प्रदेश में राइस मिलर्स को मिलिंग कार्य के लिए हर साल लगभग 3 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया जाता है. इस तरह 3 हजार करोड़ रुपए कीमत के अतिशेष धान का निराकरण होने की उम्मीद है.
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