धन्वंतरि उत्पादक समूह में सात महीने पहले ट्रांसफर हुई 50 हजार की राशि पर उठे सवाल, मीडिया रिपोर्ट के बाद हड़कंप।
सारंगढ़-बिलाईगढ़।
जनपद पंचायत बरमकेला अंतर्गत बुदेली क्लस्टर से एक बड़ा मामला सामने आया है। बिहान योजना के तहत गठित पीजी ग्रुप का लगभग 50 हजार रुपए का फंड, जो ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए जारी किया गया था, अब भ्रष्टाचार के दलदल में फंसता नजर आ रहा है।
जानकारी के अनुसार, बुदेली क्लस्टर के धन्वंतरि उत्पादक समूह की अध्यक्ष रजनी पटेल और सचिव महेश्वरी साहू ने इस राशि को करीब सात महीने पहले रायगढ़ के एक हार्डवेयर दुकान में ट्रांसफर कर दिया था। उस समय इस पैसे से किसी प्रकार की सामग्री नहीं खरीदी गई थी। जब लंबे समय तक कोई गतिविधि नहीं हुई तो ग्रामीण महिलाओं और मीडिया में सवाल उठने लगे कि आखिर यह पैसा गया कहां।
मीडिया रिपोर्ट के बाद मचा हड़कंप
जैसे ही मीडिया ने इस पूरे प्रकरण पर खबर प्रकाशित की, समूह के भीतर हड़कंप मच गया। खबर सामने आने के बाद अध्यक्ष और सचिव ने आनन-फानन में कुछ सामान खरीदकर रख दिया, ताकि भ्रष्टाचार का मामला दबाया जा सके। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, समूह की अन्य महिलाओं को इस खरीदारी या ट्रांजेक्शन की कोई जानकारी नहीं है।
कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि अध्यक्ष और सचिव ने मनमाने तरीके से समूह के निर्णय लिए, किसी बैठक में इस पर चर्चा नहीं हुई, और राशि का उपयोग अपनी मर्जी से किया गया।
सवालों के घेरे में “बिहान” की पारदर्शिता
बिहान योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, लेकिन ऐसे मामलों से पूरी योजना की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लग जाता है।
अगर महिलाओं के नाम पर आने वाला सरकारी फंड कुछ लोग मिलकर हजम कर लें, तो यह न केवल भ्रष्टाचार है, बल्कि गरीब महिलाओं के हक़ पर डाका डालने जैसा है।
ग्रामीणों ने कहा कि यह कोई छोटा मामला नहीं है — सरकारी राशि का दुरुपयोग हुआ है, इसलिए इसकी उच्चस्तरीय जांच आवश्यक है। अगर जांच निष्पक्ष रूप से होती है तो इस गड़बड़ी में शामिल लोगों का चेहरा बेनक़ाब हो जाएगा।
महिलाओं की अनदेखी और मनमानी का खेल
बुदेली क्लस्टर की कई महिला सदस्यों ने बताया कि उन्हें समूह के आर्थिक लेनदेन की कोई जानकारी नहीं दी जाती। न तो बैठकें नियमित होती हैं और न ही हिसाब-किताब साझा किया जाता है। सब कुछ अध्यक्ष और सचिव के इशारों पर चलता है।
अब जब मीडिया में मामला उछला, तो कुछ लोग सफाई देने के लिए मैदान में उतरे हैं, पर ग्रामीणों का कहना है कि सत्य जांच से ही सामने आएगा।
ग्रामीणों की मांग – दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो
स्थानीय ग्रामीणों और महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि इस प्रकरण की जांच जनपद और जिला स्तर की टीम से कराई जाए। साथ ही उन महिलाओं पर भी कार्यवाही होनी चाहिए जो भ्रष्टाचार में शामिल रही हैं या जिन्होंने इस गड़बड़ी को छिपाने का प्रयास किया।
“अगर आज सख्त कार्रवाई नहीं की गई,” एक ग्रामीण महिला ने कहा, “तो आगे कोई भी समूह फंड का सही उपयोग नहीं करेगा। मेहनत करने वाली महिलाओं का हक़ इसी तरह लुटता रहेगा।”बुदेली क्लस्टर का यह मामला सिर्फ एक गांव या एक समूह की कहानी नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास योजनाओं में व्याप्त लापरवाही और भ्रष्टाचार की तस्वीर है। सरकार जहां आत्मनिर्भर महिलाओं की दिशा में कदम बढ़ा रही है, वहीं कुछ जिम्मेदार लोग योजनाओं की साख पर दाग लगा रहे हैं।अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पूरे मामले को कितनी गंभीरता से लेकर जांच और कार्रवाई करता है या नहीं।