बरमकेला / बरमकेला ब्लॉक कांग्रेस में आंतरिक कलह और नेतृत्व की कार्यशैली को लेकर एक बार फिर बड़ा विवाद सामने आया है। कांग्रेस संगठन के मजबूत स्तंभ और जनपद सदस्य रहे उज्ज्वल मिरी, जिन्होंने बीते दिनों कांग्रेस से नाराज होकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था, अब फिर से सुर्खियों में हैं।
कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष द्वारा उज्ज्वल मिरी पर सार्वजनिक रूप से भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई, जिससे पूर्व कांग्रेस नेता मिरी बेहद आहत और नाराज़ हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो मिरी अब इस बदनामी और बेबुनियाद आरोपों के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं।
इस घटनाक्रम के बाद ब्लॉक कांग्रेस में बेचैनी का माहौल है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि उज्ज्वल मिरी पर इस तरह के आरोपों ने संगठन में और दरार पैदा कर दी है।सूत्रों के अनुसार कई जनपद सदस्य अब भाजपा में जाने का मन बना रहे हैं, जिससे कांग्रेस को और झटका लग सकता है।
स्थानीय राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व की अदूरदर्शिता और अनुशासनहीनता पर मौन रवैये के चलते जमीनी स्तर के नेता अब पार्टी से मोहभंग की स्थिति में हैं। यदि स्थिति यही बनी रही, तो बरमकेला ब्लॉक में कांग्रेस का जनाधार कमजोर होना तय माना जा रहा है।

उज्ज्वल मिरी का राजनीती सफऱ –
उज्ज्वल मिरि का राजनीतिक सफर विद्या चरण शुक्ल जैसे दिग्गज नेता के साथ शुरू हुआ था। वे उनके करीबी माने जाते थे और संगठन के लिए दिन-रात एक कर दिया था। पुरानी तस्वीरें इस रिश्ते की गवाही देती हैं। आज वही नेता पार्टी के भीतर अपमानित होकर कांग्रेस छोड़ने को मजबूर हो गया – यह घटना कांग्रेस संगठन के आंतरिक हालात पर सवाल खड़े करती है।
उज्ज्वल मिरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मेरे खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, वे न केवल निराधार हैं, बल्कि मेरी छवि को धूमिल करने की साजिश है। मैं जल्द ही इस मामले को न्यायालय में चुनौती दूंगा, ताकि सच्चाई सामने आ सके।”
अब देखना यह होगा कि इस राजनीतिक उथल-पुथल में कांग्रेस अपने खोते जनाधार को बचा पाएगी या नहीं, और क्या भाजपा इस मौके को पूरी तरह भुना कर जनपद स्तर पर और मज़बूत होगी।