बरमकेला। राजनीति में सेवा और संवेदनशीलता का जब संगम होता है, तो उसका प्रभाव समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक सकारात्मक रूप से पहुंचता है। इसी भाव को साकार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष कैलाश पंडा ने अपने जन्मदिवस को एक अलग और अनूठे अंदाज़ में मनाया। उन्होंने इस विशेष दिन को दिखावे से दूर रखकर बरमकेला के दिव्यांग बच्चों के बीच बिताया।

कार्यक्रम के दौरान कैलाश पंडा बच्चों के साथ घुल-मिल गए। उन्होंने बच्चों से आत्मीय बातचीत की और उनके साथ मिलकर जन्मदिन का केक काटा। इस आयोजन में बच्चों के चेहरों पर आई चमक और उल्लास ने माहौल को बेहद भावुक और आनंदमय बना दिया। बच्चों ने भी दिल से उन्हें शुभकामनाएँ दीं और इस दिन को यादगार बना दिया।

इस अवसर पर कैलाश पंडा ने भावुक होते हुए कहा –
“जीवन का असली सुख तभी है, जब हम समाज के कमजोर वर्गों के साथ खड़े हों। दिव्यांग बच्चे हमारे समाज की वास्तविक शक्ति हैं और उनके चेहरों पर मुस्कान लाना ही मेरे लिए सबसे बड़ा उपहार है।”स्थानीय नागरिकों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी उनकी इस पहल की सराहना की। उनका कहना था कि ऐसे कार्य मानवता की मिसाल पेश करते हैं और राजनीति को जनसेवा से जोड़ते हैं।

बरमकेला में स्थित यह विशेष विद्यालय “उम्मीद दिव्यांग स्कूल” मंदबुद्धि, मुकबधिर एवं सीपी (सेरेब्रल पाल्सी) बच्चों के लिए संचालित है। इसे उन्नायक सेवा समिति रायगढ़ द्वारा 2017 से समाज कल्याण विभाग में पंजीकृत कर चलाया जा रहा है। विद्यालय में 31 बच्चे अध्ययनरत हैं। स्पेशल एजुकेटर अनीता दास ने बताया कि बच्चों को उनकी रुचि और आईक्यू लेवल के अनुसार पढ़ाई कराई जाती है। साथ ही संगीत, नृत्य, खेलकूद और पजल जैसी गतिविधियों के माध्यम से उनका मनोरंजन और मानसिक विकास भी किया जाता है। विद्यालय के संचालक एस.एस. महाँती इस संस्थान को निरंतर सेवा भाव से आगे बढ़ा रहे हैं।
कैलाश पंडा के जन्मदिवस कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ता एवं स्थानीय नागरिकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इनमें मनोहर पटेल, बासुदेव चौधरी, अरविन्द पटेल, रामकुमार नायक, हेमसागर नायक, भवानी नायक, प्रकाशचंद बैरागी, राजू नायक, जीतम्बर पटेल, अशोक अग्रवाल सहित अनेक कार्यकर्ता शामिल रहे। वास्तव में, राजनीति से ऊपर उठकर सेवा का यह जज़्बा समाज में नई सोच और सकारात्मक संदेश देता है। कैलाश पंडा की यह पहल उन सभी जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों के लिए प्रेरणा है, जो अपने विशेष दिनों को समाज की सेवा में समर्पित करना चाहते हैं।