सारंगढ़ / सारंगढ़ जिले मे आज सावित्री व्रत कि धूम दिखने को मिलेगा आज सुहागिन महिलाए पति कि लम्बी आयु के लिए व्रत करेंगे जिसमे बरमकेला क्षेत्र मे भी सुहागिन महिलाओ मे खासा उत्साह देखने को मिल रहा है, महिलाए सुबह से ही व्रत कि पूजा सामग्री जुटाने लगी हुई हैं और आज पति कि पूजा भी करेंगे आज सुहागिन महिलाओ के लिए खास दिन है आज वट सावित्री व्रत पूजा को लेकर डॉ विद्या किशोर चौहान जनपद अध्यक्ष बरमकेला ने कहा कि यह पर्व महिलाओ के लिए उत्तम माना जाता है जिससे हम सभी महिलाए आज पति कि लम्बी आयु दीर्घायु के लिए एवं घर कि सुख शांति के लिए निर्जला ब्रत रखेंगी और सभी माता बहनो को शुभकामनायें भी दिए, आज वट सावित्री व्रत रखा जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत करने की परंपरा होती है. इस दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और वट के पेड़ की पूजा भी करती हैं. इस व्रत का महत्व करवा चौथ जैसा ही है. आइए आपको वट सावित्री व्रत की पूजन विधि, सामग्री, शुभ मुहूर्त और कथा के बारे में बताते हैं.
कब है वट सावित्री व्रत 2025?
व्रत वाले दिन भरणी नक्षत्र, शोभन योग और अतिगण्ड योग का शुभ संयोग बन रहा है. इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:54 से दोपहर 12:42 तक रहेगा. यह समय व्रत और पूजा के लिए अत्यंत फलदायक माना जाता है.
वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास पर्व माना जाता है. यह व्रत हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को रखा जाता है. मान्यता है कि इस व्रत से पति की उम्र लंबी होती है और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं. पौराणिक कथा के अनुसार, माता सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे ही अपने मृत पति सत्यवान को यमराज से वापस पाया था. तभी से वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. हिंदू शास्त्रों में वट वृक्ष को बेहद पूजनीय माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश- तीनों देवों का वास होता है.
पंचांग के अनुसार, इस साल वट सावित्री व्रत 26 मई 2025, सोमवार को रखा जाएगा. अमावस्या तिथि 26 मई को दोपहर 12:11 बजे शुरू होकर अगले दिन 27 मई को सुबह 8:31 बजे समाप्त होगी