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विहान योजना में गड़बड़ी का खेल, महिलाओं की शिकायत पहुँची मंत्री तक

DEVRAJ DEEPAK
By DEVRAJ DEEPAK  - EDITOR IN CHIEF
4 Min Read

 

सारंगढ़–बिलाईगढ़
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वरोज़गार की राह पर आगे बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई विहान योजना (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) इन दिनों सवालों के घेरे में है। योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को मजबूत कर ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की मंशा थी, लेकिन सारंगढ़–बिलाईगढ़ ज़िले से लगातार भ्रष्टाचार और वसूली की शिकायतें सामने आ रही हैं।

हाल ही में गोडम क्लस्टर की महिलाओं ने आरोप लगाया था कि पीआरपी के नाम पर शासकीय राशि की बंदरबाँट हो रही है। अब बरमकेला ब्लॉक के कांदूरपाली क्लस्टर की महिलाएँ भी सामने आई हैं। उन्होंने पीआरपी मधु वर्मा पर मानदेय की कटौती और डीपीएम राजीव सिंह जूदेव पर अभद्र भाषा प्रयोग करने का गंभीर आरोप लगाया है।

महिलाओं ने इस मामले की लिखित शिकायत सीधे वित्त मंत्री ओपी चौधरी, जिला सीईओ और जनपद सीईओ को सौंपी है। उनकी मांग है कि मधु वर्मा और राजीव सिंह जूदेव को तत्काल हटाया जाए। और पी आर पी मधु वर्मा पर आरोप है कि जो केडर नहीं है उसी के खाते मे राशि डाला गया है, और मधु के रिश्तेदार चमेली संतोषी नगर  जो अन्य जिले से हैं उन्हीं के खाते मे राशि 24080 रुपए डलवाया गया है और सविता नायक सक्रिय महिला के रूप मे कार्यरत हैँ और उनके मा अनुसूईया नायक झनकपुर निवासी है और उनकी सास दीपकुंवर यानि एक ही घर के सास, बहु और मा के नाम से भी 24080 रूपये सभी खाते मे डाले गए है, और भी आरोप है कि सविता नायक लखपती का कार्य नहीं करती सिर्फ लोकोस का कार्य करती है और उन्होंने उनके खाते मे लखपती का भी राशि डाला है, कलस्टर का पैसा दूसरे कलस्टर मे कैसे भेजा गया है, और शिकायत के बाद कल कुछ सामान खुद खरीद कर दी है और कलस्टर के किसी भी सदस्य को जानकारी नहीं है, जानकारी लेने से विरोध करने पर ग्रुप से हटाने कि धमकी दिया जाता है,ये आरोप है l

शिकायतों के मुख्य बिंदु

आपदा कोष राशि का दुरुपयोग

मानदेय, स्टाटप फंड,वीओ पैसा, लखपति दीदी, वी-पीआरपी, लोकोस ऐप और सीआईएफ राशि महिलाओं तक पूरी तरह न पहुँचना। ग्राम संगठन के खातों में राशि डालकर बाद में वसूली करना।
ग्राम संगठनवार राशि (डीएससी से डलवाई गई)

सूत्रों के अनुसार, ज़िले में डिएससी के माध्यम से विभिन्न ग्राम संगठनों के खाते में सामान खरीदने की राशि इस प्रकार डाली गई—

अनमोल ग्राम संगठन सिलियारी – 35,000

अन्नपूर्णा ग्राम संगठन कूधरी – 35,000

भारत माता ग्राम संगठन बटाउ पाली – 35,000

गंगा ग्राम संगठन पिंडरी – 35,000

पूजा महिला ग्राम संगठन कुम्हारी – 35000

सूरज ग्राम संगठन बुदेली – 35,000

आशा ग्राम संगठन अचानक पाली – 35,000,
चांदनी ग्राम संगठन सिंगारपुर-35000, जननी महिला ग्राम संगठन कुर्राहा 35000,माँ शारदा ग्राम संगठन बंजारी- 35000,शीतल ग्राम संगठन परस कोल-35000,उजाला ग्राम संगठन- गोड़ा-35000,उषा ग्राम संगठन कपर तुंगा- 35000,विश्वास महिला ग्राम संगठन अंडोला- 35000, बरमकेला ब्लॉक से आदिति ग्राम संगठन गोबरसिंहा- 35000,आशा ग्राम संगठन बोरीदा- 35000,देव ग्राम संगठन देवगांव- 35000,ग्रामयोत्कर्ष ग्राम संगठन हिर्री- हिर्री- 35000,जय माँ दुर्गा ग्राम संगठन भटली- 35000,जीविका ग्राम संगठन भंवरपुर- 35000,ख़ुशी ग्राम संगठन बरपाली-35000,प्रगति ग्राम संगठन सरायपाली-35000,समलेशवरी ग्राम संगठन बुदबूदा- 35000,उड़ान ग्राम संगठन बोइरडीह-35000,बैष्णवी ग्राम संगठन गोबरसिंहा-35000, माहि ग्राम संगठन बारा दावन-35000,और बिलाईगढ़ ब्लॉक मे भी किया गया है!

शिकायत के अनुसार, यह राशि भले ही खातों में डाली जाती है, लेकिन बाद में दबाव बनाकर महिलाओं से वापस वसूल ली जाती है।

महिलाओं का सवाल

“योजना का असली उद्देश्य हमें आत्मनिर्भर बनाना था, लेकिन यहाँ तो हमारा हक़ ही छीना जा रहा है। अगर यही हाल रहा तो योजनाएँ सिर्फ़ कागज़ों में ही सफल कहलाएँगी।”

 

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